mitti ka khilona mitti me mil jayega – Bhajan by Aniruddhacharya Ji

mitti ka khilona mitti me mil jayega - Bhajan by Aniruddhacharya Ji

।। मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जायेगा ।।
मान मेरा कहना ,
नहीं तो पछतायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।

मात पिता तेरा,
कुटुंब कबीला।
विपदा पड़े पर ,
कोई ना किसी का।
एक दिन हंसा ,
अकेला उड़ जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

बेटा बेटा क्या करता है।
बेटा तेरा एक दिन ,
पडोसी बन जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

बेटी बेटी क्या करता है।
बेटी तेरी एक दिन ,
जवाई ले जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

पडोसी पडोसी क्या करता है।
पडोसी तो एक दिन ,
जला कर चला जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

धन दौलत तेरे,
कोठी रे बंगले।
इन से ममता ,
छोड़ दे पगले।
सब कुछ तेरा ,
यही रह जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

मनुस्ये जनम तूने,
पाया रे बन्दे।
करम ना कर तू ,
जग में गंदे।
जैसा बीज बोया तू ,
वैसा फल पायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

क्यों करता है मेरा मेरा।
इस जग में बन्दे कुछ नहीं तेरा।
खाली हाथ आया है ,
खाली हाथ जायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।
मान मेरा। ….

मान मेरा कहना ,
नहीं तो पछतायेगा।
मिट्टी का खिलौना ,
मिट्टी में मिल जायेगा।

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