Chandraghanta Mata Ki Aarti Lyrics

चंद्रघंटा माता की आरती लिरिक्स | Chandraghanta Mata Ki Aarti Lyrics
Maa Chandraghanta Aarti Lyrics
जय चंद्रघंटा माता ।
जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

नवरात्री के तीसरे दिन ,
चंद्रघंटा माँ का ध्यान ।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र ,
मंद मंद मुस्कान ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अस्त्र शस्त्र है हाथो में ,
और खडग संग बाण ।
घंटे की शक्ति से ,
हरती दुष्टो के प्राण।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

सिंह वाहिनी दुर्गा ,
चमके स्वर्ण शरीर ।
करती विपदा शांति ,
हरे भक्त की पीर ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

मधुर वाणी को बोलकर ,
सबको देती ज्ञान ।
जितने देवी देवता ,
सभी करे सम्मान ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने शांत स्वभाव से ,
सबका रखती ध्यान।
भव सागर में फसा हूँ ,
करो माता कल्याण ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

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