भोले बाबा की कावड़ चली
जिसने तुझको दिल से पुकारा
उसकी विपदा पल में टली
तेरी महिमा अप्रम पार तेरा दीवाना कुल संसार
भांग धतूरा तुझको भाये तन पे अपने बसम मली
भोले बाबा की कावड़ चली
बड़े दयालु भोले नाथ जी रक्शा करते हर अनाथ की
तेरे भक्तो ने धूम मचाई शहर शहर और गली गली
भोले बाबा की कावड़ चली