मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले,
तेरी याद ने बनादी, मेरी ज़िन्दगी फ़साना
मुझे इस का ग़म नहीं है , के बदल गया ज़माना
मेरी ज़िन्दगी के मालिक, कहीं तुम बदल ना जाना
तेरी सांवली सी सूरत, मेरे मन में बस गयी है
ए संवारे सलोने, अब और ना सताना
मेरी आरज़ू यही है , दम निकले तेरे दर पे,
अभी सांस चल रही है , अभी तुम चले ना जाना