दुःख में सुमिरन सब करे || Dukh Me Sumiran Sab Kare

दुःख में सुमिरन सब करे
सुख में करे न कोई
जो सुख में सुमिरन करे
तोह दुःख काहेको होय

सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन
तेरी बीती उम्र हरी नाम बिना
तेरी बीती उम्र हरी नाम बिना
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन

कूप नीर बिन धेनोः चिर बिन
धरती मेह बिना
कूप नीर बिन धेनोः चिर बिन
धरती मेह बिना
जैसे तरुवर फल भी नहींए
जैसे तरुवर फल भी नहींए
तैसे प्राणी हरी नाम बिना
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन

देह नैन बिन रैन चाँद बिन
मन्दिर दीप बिना
देह नैन बिन रैन चाँद बिन
मन्दिर दीप बिना
जैसे पंडित वेद विहीन
जैसे पंडित वेद विहीन
तैसे प्राणी हरी नाम बिना
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन

काम क्रोध मध् लोभ निजारो
छोड़ दे अब संत जाना
काम क्रोध मध् लोभ निजारो
छोड़ दे अब संत जाना
केहेना नक्शा सुन भगवंता
केहेना नक्शा सुन भगवंता
कोई नहीं जग मै अपना
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन
सुमिरन करले मेरे मन.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *