मोहे पनघट पे छेड़े – कृष्णा भजन || Mohe Panghat Pe Chhede

सच सच तोहे मैं बताओ पनिया भरण जब जाऊ,
तंग करे है कान्हा मुझको शाम सवेरे,
मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,

जान जाये कोई जब नगर में चोर हो जायेगे घर घर में,
नन्द बाबा को देदो खबरिया रहता है गोपियाँ के चक्र में,
बाद में हाथ ना आएगा मन मोहन तेरे,
मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,

प्यार वो करे है राधा गोरी से,
मुझे देखता है चोरी चोरी से,
और कितनी बार मैं बताऊ,
पकड़े कलाही बड़ी जोरि से,
चुनार लेकर भाग गया था कल ही मेरी,
मैया तेरा नटखट श्याम मोहे पनघट पे छेड़े,

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